पंचगव्य द्राक्षासव एक आयुर्वेदिक टॉनिक है जिसका पाचन तंत्र और श्वसन तंत्र पर मजबूत प्रभाव पड़ता है। यह सभी उम्र के लोगों के लिए एक बेहतरीन पोषण पूरक है। द्राक्षारिष्ट अनिद्रा, कमजोरी, अस्थमा, खांसी और कंजेशन को ठीक कर सकता है। यह वजन बढ़ाने और लंबी बीमारी के बाद होने वाली कमजोरी या दुर्बलता में एक बेहतरीन टॉनिक है। यह पोषण संबंधी समृद्धि और उच्च एंटीऑक्सीडेंट सामग्री के साथ एक बेहतरीन टॉनिक है जो ताकत और प्रतिरक्षा को बढ़ाता है। पंचगव्य द्राक्षासव पाचन स्राव को बढ़ाकर भूख बढ़ाता है और पाचन में सुधार करता है। यह मूड को फिर से जीवंत करता है और इस प्रकार भूख न लगने में मददगार है। प्रतिरक्षा बूस्टर: यह एक बेहतरीन टॉनिक है क्योंकि यह पाचन में सुधार करता है और इस प्रकार ताकत और प्रतिरक्षा बढ़ाने के लिए फायदेमंद है। तरोताजा मूड के साथ बढ़ी हुई ताकत और प्रतिरक्षा दुर्बलता से जल्दी ठीक होने की ओर ले जाती है। इस प्रकार यह वजन बढ़ाने में भी फायदेमंद है। यह एक शक्तिशाली खांसी और जुकाम से राहत देने वाला, ज्वरनाशक, थकान दूर करने वाला और कंठ्य (गले और आवाज के लिए फायदेमंद) है। इसलिए यह चिपचिपी खांसी से राहत देता है और फेफड़ों को ताकत देता है इसलिए यह श्वसन संबंधी विकारों में उपयोगी है। द्राक्षा के अलावा, यह भूख बढ़ाने वाली और कृमिनाशक (कृमिनाशक) जड़ी-बूटियों का एक शक्तिशाली संयोजन है।
पंचगव्य द्राक्षासव सिरप के फायदे
पंचगव्य द्राक्षासव एक आयुर्वेदिक सिरप है जो मुख्य रूप से द्राक्ष (अंगूर) से बनाई जाती है। यह औषधि पाचन तंत्र को बेहतर बनाने, ताकत बढ़ाने, और सामान्य स्वास्थ्य सुधारने में सहायक होती है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन, और मिनरल्स की प्रचुरता होती है, जो शरीर को पोषण देती है।
द्राक्षासव के प्रमुख फायदे :
पाचन में सुधार:
गैस, अपच, और कब्ज जैसी समस्याओं को दूर करता है।पेट को साफ रखने में मदद करता है।
एनर्जी और ताकत बढ़ाना:
शारीरिक कमजोरी और थकावट को कम करता है।शरीर को ऊर्जा और स्टैमिना प्रदान करता है।
भूख बढ़ाना:
भूख की कमी को दूर करता है।बच्चों और बड़ों दोनों के लिए उपयुक्त।
लिवर को स्वस्थ रखना:
लिवर की कार्यक्षमता को सुधारता है।खून को साफ करता है और लिवर को डिटॉक्स करता है।
प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत करना:
शरीर को बीमारियों से बचाने में मदद करता है।संक्रमण और सूजन को कम करता है।
ब्लड प्यूरीफायर:
खून को साफ करके त्वचा की सेहत सुधारता है।दाग-धब्बों और पिंपल्स को कम करता है।
तनाव और अनिद्रा में सहायक:
तनाव और चिंता को कम करता है।नींद की गुणवत्ता में सुधार करता है।
सेवन विधि और मात्रा
बड़ों के लिए: भोजन के बाद 15-20 मिलीलीटर द्राक्षासव को समान मात्रा के पानी के साथ मिलाकर पिएं।
बच्चों के लिए: 5-10 मिलीलीटर (डॉक्टर की सलाह अनुसार)
नोट:
दवा का सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
गर्भवती महिलाएं और छोटे बच्चों के लिए इसे देने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लें।
नियमित उपयोग से अच्छे परिणाम मिलते हैं।
द्राक्षासव का उपयोग आयुर्वेद में सदियों से एक बेहतरीन स्वास्थ्यवर्धक औषधि के रूप में किया जाता है।
घटक
मुनक्का , कबाब चीनी, चतुर्जात , लवंग , जायफल , काली मिर्च , पीपरामूल , चव्य चित्रक, धातकी पुष्प एवं गुड़ इत्यादि
लाभ
- अपच, भूख न लगना (एनोरेक्सिया) और संबंधित बीमारियों के लिए पंचगव्य आयुर्वेदिक टॉनिक।
- चित्रक पेट के विकारों में फायदेमंद है, मल को उचित स्थिरता देता है और भूख में भी सुधार करता है।
- यह बिगड़े हुए पित्त को खत्म करता है, हाइपरएसिडिटी या गैस्ट्राइटिस, सूजन और कब्ज से राहत देता है।
- द्राक्षा भूख को उत्तेजित करता है, शरीर और मन को पुनर्जीवित करता है और पाचन स्राव को उत्तेजित करता है।
रोगाधिकार
यह बिगड़े हुए पित्त को खत्म करता है और सूजन और कब्ज से राहत देता है। यह पित्त असंतुलन के कारण होने वाली हाइपरएसिडिटी या गैस्ट्राइटिस में फायदेमंद है।
सेवन विधि
4 चम्मच (20 मिली) दिन में 2 बार, भोजन के बाद बराबर मात्रा में गुनगुने पानी के साथ या चिकित्सक के निर्देशानुसार लें।
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Size | US | Bust | Waist | Low Hip |
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XS | 2 | 32 | 24 - 25 | 33 - 34 |
S | 4 | 34 - 35 | 26 - 27 | 35 - 26 |
M | 6 | 36 - 37 | 28 - 29 | 38 - 40 |
L | 8 | 38 - 29 | 30 - 31 | 42 - 44 |
XL | 10 | 40 - 41 | 32 - 33 | 45 - 47 |
XXL | 12 | 42 - 43 | 34 - 35 | 48 - 50 |
Measure around the fullest part of your bust.
Measure around the narrowest part of your torso.
With your feet together measure around the fullest part of your hips/rear.